कबीर दास जी के दोहे
जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ
मैं बपुरा बूड़न डरा, रहा किनारे बैठ।
अर्थ :
जो प्रयत्न करते हैं, वे कुछ न कुछ वैसे ही पा ही लेते हैं जैसे कोई मेहनत करने वाला गोताखोर गहरे पानी में जाता है और कुछ ले कर आता है लेकिन कुछ बेचारे लोग ऐसे भी होते हैं जो डूबने के भय से किनारे पर ही बैठे रह जाते हैं और कुछ नहीं पाते।
Punam verma
21-Dec-2022 09:27 AM
Nice
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